कुंडली में दोष की वजह से संतान सुख का अभाव आजकल बहुत सामान्य हो गया है। यह एक आम समस्या है जिससे कई लोग प्रभावित हो रहे हैं। Best Astrologer in Delhi, Acharya Pramod Mishra के अनुसार, कुंडली में दोष एक व्यक्ति की जीवन में विभिन्न समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है, जिसमें संतान सुख का अभाव भी शामिल है। इस लेख में, हम देखेंगे कि कुंडली में दोष क्यों होते हैं और उनका संतान सुख पर कैसा प्रभाव होता है।
कुंडली में दोष क्या होते हैं?
कुंडली में दोष होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि ग्रहों की दशा, ग्रहों के संयोग, और ग्रहों की स्थिति। व्यक्ति के जन्म के समय के आसपास जो भी ग्रहों की स्थिति होती है, उसका कुंडली में बहुत महत्व होता है। अगर किसी की कुंडली में ग्रहों के बारे में अशुभ योग होते हैं, तो वह व्यक्ति अनेक समस्याओं का सामना कर सकता है, जिसमें संतान सुख की कमी भी शामिल हो सकती है।
कुंडली में संतान सुख के लिए दोष
पुत्रदोष: इस दोष का मुख्य कारण होता है मंगल और केतु की युति। जब कुंडली में यह योग होता है, तो व्यक्ति को संतान सुख में अधिक परेशानी होती है।
सूर्य और चन्द्र दोष: अगर कुंडली में सूर्य और चन्द्र के अशुभ योग होते हैं, तो भी संतान सुख को प्राप्त करने में विघ्न आ सकता है।
शनि दोष: कुंडली में शनि की दशा चल रही हो तो भी संतान सुख में दिक्कतें आ सकती हैं।
दिल्ली में ऑनलाइन ज्योतिषी के अनुसार, कुंडली में दोष कैसे ठीक किया जा सकता है?
ग्रहों की शांति के लिए उपाय: कुंडली में दोष के कारण संतान सुख में अधिक परेशानी हो, इससे बचने के लिए ग्रहों की शांति के लिए उपाय किये जा सकते हैं। ये उपाय विभिन्न मंत्रों, पूजाओं और दानों का आयोजन करने के रूप में हो सकते हैं।
रत्न धारण: कुछ लोग अपने कुंडली में दोष को दूर करने के लिए नवग्रह रत्न धारण करते हैं। यह रत्न ग्रहों के प्रभाव को बढ़ाने और संतान सुख को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
कुंडली मेलाप: कुंडली मेलाप एक प्रमुख उपाय हो सकता है जिसे अपनाकर लोग संतान सुख को प्राप्त कर सकते हैं। यह उपाय विवाह के समय की निर्धारित गुण मिलान के आधार पर किया जाता है।
दिल्ली में शीर्ष ऑनलाइन ज्योतिषी के अनुसार, संतान सुख को प्राप्त करने के लिए अन्य उपाय
वैदिक ज्योतिष की सलाह: वैदिक ज्योतिष के विशेषज्ञों से परामर्श लेना एक अन्य उपाय हो सकता है। वे आपकी कुंडली को विस्तार से अध्ययन करके संतान सुख को प्राप्त करने के लिए उपायों की सिफारिश कर सकते हैं।
मन्त्र और जाप: कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी संतान सुख को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इसके लिए आपको अपने ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।
इस लेख में, हमने देखा कि कुंडली में दोष के कारण संतान सुख में कमी क्यों होती है और उसका समाधान कैसे किया जा सकता है। Best Astrologer in Delhi - Acharya Pramod Mishra के माध्यम से आप अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप सही और प्रमाणित ज्योतिषी का चयन करते हैं, आपको उनके पूर्व अनुभव, प्रतिष्ठा, और समीपता का ध्यान रखना चाहिए। संतान सुख को प्राप्त करने के उपायों का अध्ययन करके, आप अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
FAQs (प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या है कुंडली में संतान सुख के दोष?
कुंडली में संतान सुख के दोष ग्रहों के अशुभ संयोगों या योगों के कारण होते हैं, जो संतान सुख को प्राप्त करने में बाधा डाल सकते हैं। इन योगों में मंगल, केतु, सूर्य, चन्द्र, और शनि के दोष शामिल हो सकते हैं।
2. क्या संतान सुख के लिए उपाय किया जा सकता है?
हां, संतान सुख को प्राप्त करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। इनमें ग्रहों की शांति के लिए उपाय, रत्न धारण, कुंडली मेलाप, वैदिक मंत्र और जाप शामिल हो सकते हैं।
3. क्या कुंडली मेलाप संतान सुख में मदद कर सकता है?
हां, कुंडली मेलाप एक महत्वपूर्ण उपाय है जो संतान सुख में मदद कर सकता है। यह उपाय विवाह के समय जीवनसाथी के गुणों का मिलान करता है, जिससे संतान सुख को प्राप्त करने में सहायक होता है।
4. क्या ऑनलाइन ज्योतिषी के माध्यम से संतान सुख के लिए परामर्श प्राप्त किया जा सकता है?
हां, आप ऑनलाइन ज्योतिषी के माध्यम से संतान सुख के लिए परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। कई वेबसाइट्स और ऐप्स इस सेवा को प्रदान करते हैं, जिनके माध्यम से आप अपनी कुंडली का विश्लेषण करवा सकते हैं और उपाय प्राप्त कर सकते हैं।
5. क्या अच्छे ज्योतिषी के लिए कैसे पहचाना जा सकता है?
अच्छे ज्योतिषी का चयन करने के लिए आपको उनके पूर्व अनुभव, प्रतिष्ठा, समीपता, और उपलब्ध सेवाओं का ध्यान रखना चाहिए। आप उनके रिव्यू और रेटिंग्स का भी अध्ययन कर सकते हैं।
6. क्या संतान सुख का अभाव केवल कुंडली में दोष के कारण होता है?
नहीं, संतान सुख का अभाव केवल कुंडली में दोष के कारण ही नहीं होता है। कई अन्य कारक भी इसमें शामिल हो सकते हैं, जैसे कि आर्थिक स्थिति, धार्मिक आदर्श, और आर्थिक संघर्ष। कुंडली में दोष सिर्फ एक कारक होता है जो संतान सुख को प्राप्त करने में बाधाएँ डाल सकता है।
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